; कैंसर के खिलाफ जंग में जीत
कैंसर के खिलाफ जंग में जीत
10 January, 2023

कैंसर के खिलाफ जंग में जीत

आरसीएचआरसी में अपने इलाज के बाद, रश्मि माया प्रसाद (रोगी की गोपनीयता सुरक्षित रखने के लिए उसका नाम बदल दिया गया है) निराशा से भरी कैंसर रोगी से बदलकर आत्मविश्वास से भरी ऐसी सेनानी बन गईं, जो दृढ़ता से कैंसर को हराने के लिए तत्पर हैं|

राँची के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली कला विषय में स्नातक 27 वर्षीय रश्मी माया प्रसाद के बाएं स्तन में डेढ़ साल से लगातार दर्द बढ़ता जा रहा रहा था| प्रभावित हिस्‍से से मवाद और खून बहने के कारण, उनका जीवन सामान्य ढंग से नहीं चल पा रहा था और उन्‍हें अपनी नौकरी भी छोड़नी पड़ी|

अपने आपको भाग्य के भरोसे छोड़कर और राहत देने वाला कोई सहारा न पाकर जब वह अक्टूबर 2022 में अपनी माँ के साथ स्वस्थ झारखंड जाँच और जागरुकता कियोस्क में आईं तो वे बेहद चिंतित थीं|

विभिन्न अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्‍टरों द्वारा की गई पिछली जाँच की उनकी परीक्षण रिपोर्टों की जांच करने के बाद, कियोस्क टीम ने उन्हें और देरी किए बिना राँची कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (आरसीएचआरसी) जाने की सलाह दी|

हालांकि, रश्मि को डर सता रहा था और वह इलाज कराने के लिए तैयार नहीं थी क्योंकि जब से उसकी तकलीफ शुरू हुई थी तब से उन्‍होंने जो भी कोशिश की थी, उससे उन्‍हें कोई राहत नहीं मिल पाई थी| बल्कि उनकी हालत और बिगड़ गई थी| उनको और उनके परिवार को भरोसा हो चला था कि किसी भी चीज से मदद नहीं मिलने वाली थी, लेकिन टीम ने बड़े धैर्य के साथ उनकी स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डाला और उन्हें आश्वस्‍त किया कि आरसीएचआरसी में सुरक्षित और असरदार उपचार प्रोटोकॉल और सुविधाओं के साथ रश्मि की देखभाल अच्छे हाथों में होंगी|

आरसीएचआरसी में आशा और विश्वास की नई भावना के साथ, रश्मि अपने परिवार के साथ अस्पताल गईं, जहां बायोप्सी, सीटी स्कैन और रक्त परीक्षण सहित कई नैदानिक परीक्षणों के परिणामों से पुष्टि हुई की कि वह तेजी से फैलने वाले डक्टल कार्सिनोमा से पीड़ित थी और डॉक्टरों ने समझाया कि उन्‍हें अपने बाएं स्तन की तत्काल सर्जरी करवानी होगी|

यह खबर रश्मि और उसके परिवार के लिए वज्रपात की तरह थी - सर्जरी के ख्‍याल ने ही उन्हें विचलित और व्याकुल कर दिया| पहले तो रोगनिदान से ही वह अवाक रह गई थीं, लेकिन आखिरकार रोगी मार्गदर्शक द्वारा प्रदान किए गए सहयोग और सहानुभूति से भरे परामर्श से, उनमें इस प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने के लिए जरूरी हिम्‍मत और सकारात्मकता आई|

रश्मी को सफलतापूर्वक संशोधित रेडिकल मास्टक्टोमी कर कीमोथेरेपी दिया गया| तब से वह अच्छी तरह से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की ओर अग्रसर हैं और अपने रोगी मार्गदर्शक और कियोस्क टीम की स्टाफ नर्स के साथ नियमित संपर्क में रहती हैं, जो उन्‍हें आगामी अपॉइंटमेंट्स की याद दिलाती हैं और आवश्यकता पड़ने पर उनकी आरसीएचआरसी विशेषज्ञों से संपर्क करने में मदद करती हैं|

आज, रश्मि स्वस्थ, खुश और पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वास से लबरेज हैं| उनमें जीवन के लिए नया उत्साह है और आशा से भरे उज्ज्वल भविष्य के प्रति आशावान हैं|

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